जिंदगी जिसने अता की आशियां भी देता है। बंदे को गर भूख दी है - ANSH DARPAN

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गुरुवार, 18 नवंबर 2021

जिंदगी जिसने अता की आशियां भी देता है। बंदे को गर भूख दी है

जिंदगी जिसने अता की आशियां भी देता है। बंदे को गर भूख दी है रोटियां भी देता है। जिसको गुरुर हो गया मैं तो चिराग हूं। वक्त ऐसों के लिए आंधियाँ भी देता है। खुशियों के तलबगार हो तो इश्क न करना।
खुशियों के साथ साथ सिसकियां भी देता है। बरकत हो घर में कैसे इस ख्याल से। आंगन में सबके वो रब बेटियां भी देता है। तारीफ हमेशा जो अमित करता है सामने। लेकिन वो पीठ पीछे गालियां भी देता है।

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